मध्य प्रदेश : उमर खान ने पेश की ईमानदारी की ऐसी मिसाल, डीआईजी भी तारीफ करने पर हो गए मजबूर

उमर ने कहा कि लोग कह रहे थे कि अगर तुम बैग घर लेकर चले जाओगे तो तुमसे कौन पूछेगा। इसलिए मैं ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं ऐसा खाना कितने दिन खाता ,मैं खुद अपनी ही नज़रों में गिर जाता और अल्लाह के सामने पछतावा अलग होता । हलाल रिज़्क़ में अल्लाह ने बड़ी रहमत दी है। ऑटो से अल्लाह इतना कुछ देता है कि मेरा घर आराम से चल जाता है । अल्लाह का शुक्र है कि जिसकी अमानत थी उसके पास आसानी से पहुँच गई ।

नई दिल्ली (मिल्लत टाइम्स ) तरक़्क़ी की इस दौड़ में जहां हर कोई एक-दूसरे को गिराकर आगे बढ़ने में लगा हुआ है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका ईमान बड़ी-बड़ी बातों से भी नहीं हिल सकता। भोपाल पीर गेट पर रहने वाले उमर खान अपने परिवार की देख रेख ऑटो रिक्शा चला कर करते हैं हैं।जब उम्र खान ने अपने परिवार के के बारे में बताया तो उमर खान की आंखों में आंसू आ गए क्योंकि उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने कोरोना के प्रकोप से कितनी मुश्किलों का सामना किया है। 26 जून को जब दो महिलाएं उमर खान की ऑटो में खरीदारी करने चौक बाजार पहुंचीं तो वे ऑटो में नोटों और गहनों से भरा बैग जल्दी में भूल गईं.

जब तक उमर खान की नजर बैग पर पड़ती तब तक दोनों महिलाएं बाजार के अंदर जा चुकी थीं। उमर खान वहां कुछ देर रुके और महिलाओं का इंतजार करने लगे, लेकिन जब वे नहीं लौटे तो उमर खान ने पीर गेट स्थित पुलिस सहायता केंद्र को गहनों और नोटों से भरा बैग सौंप दिया. पुलिस ने जब बैग की जांच की तो उसमें दो लाख से ज्यादा गहने और करीब 40 हजार रुपये नकद थे। कोतवाली पुलिस ने बैग में कार्ड के माध्यम से दोनों महिलाओं को तलाश लिया और जेवरात के साथ नकदी सौंप दी. भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने ऑटो चालक उमर खान को उनकी ईमानदारी के लिए सम्मानित किया।
उमर खान का कहना है कि 26 जून को ऑटो में बैठी दोनों महिलाओं के पास बैग थे. दोनों महिलाएं ऑटो से उतरीं और चौक बाजार के लिए निकलीं। हमने कुछ देर तक उनका इंतजार किया और जब वे नहीं लौटी तो हमने बैग पुलिस को सौंप दिया। ताकि जिसकी अमानत है वह उस तक पहुंच सके। पुलिस ने बैग की जांच की तो उसमें लाखों के जेवरात और नकदी मिली।


उमर ने कहा कि लोग कह रहे थे कि अगर तुम बैग घर लेकर चले जाओगे तो तुमसे कौन पूछेगा। इसलिए मैं ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं ऐसा खाना कितने दिन खाता ,मैं खुद अपनी ही नज़रों में गिर जाता और अल्लाह के सामने पछतावा अलग होता । हलाल रिज़्क़ में अल्लाह ने बड़ी रहमत दी है। ऑटो से अल्लाह इतना कुछ देता है कि मेरा घर आराम से चल जाता है । अल्लाह का शुक्र है कि जिसकी अमानत थी उसके पास आसानी से पहुँच गई ।

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