किताब मजामीन-ए-रईस उल अहरार का विमोचन

स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को संभाल कर रखना जरूरी : शाही इमाम पंजाब

मेराज़ आलम ब्यूरो रिपोर्ट

लुधियाना, 30 जुलाई आज यहां ऐतिहासिक जामा मस्जिद में दास्तान-ए- लुधियाना के लेखक मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी द्वारा भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी (प्रथम) के लेखों पर आधारित किताब मजामिन-ए-रईस उल अहरार उर्दू का विमोचन शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने किया। इस अवसर पर जनाब गुलाम हसन कैसर, मुहम्मद मुस्तकीम अहरार, मुजाहिद तारिक, शाहनवाज खान अहरार व अन्य लोग उपस्थित थे। किताब मजामिन-ए-रईस उल अहरार के प्रकाशन पर शाही इमाम साहिब ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक किताब 1962 में प्रकाशित की थी जो कि समय के साथ-साथ लुप्त हो गई और आज इसे उस्मान रहमानी ने नए सिरे से रिसर्च कर के तैयार कर दिया हैं। शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने बताया की इस किताब में मेरे दादा महान क्रांतिकारी मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी और पिता मौलाना मुहम्मद अहमद रहमानी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के समय लिखे गए महत्वपूर्ण लेख हैं जो कि आने वाली नस्लों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि भारत की जंगे आजादी की गाथा एक महान इतिहास है इसे संभाल के रखना हम सब के लिए जरूरी है। शाही इमाम ने कहा कि यह गौरवशाली इतिहास भारत के सर्व धर्म के लोगों को आपस में प्यार और एकता का संदेश देता है जिसकी हमेशा ही समाज को जरूरत रहती है। उन्होंने कहा कि इस किताब का हिंदी अनुवाद भी जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।

फोटो कैप्शन : पुस्तक का विमोचन करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी, मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी, मुफ्ती मुहम्मद आरिफ कासमी व मुहम्मद मुस्तकीम अहरार विशेष रूप से उपस्थित थे।

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