जलियांवाला बाग के नवीनीकरण: शहीदों का अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जनता : राहुल गांधी

नई दिल्ली: भारत के इतिहास के काले अध्याय जलियांवाला बाग के नवीनीकरण को लेकर लोग सरकार की तीखी आलोचना कर रहे हैं और इसे शहीदों का अपमान बता रहे हैं. इस बाबत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया है कि शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकते हैं जो शहादत का मतलब नहीं जानते.
याद रहे कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 102 साल पहले अमृतसर के जलियांवाला बाग में अत्याचारी ब्रिटिश सरकार द्वारा 1000 से अधिक निहत्थे लोग मारे गए थे। आज तक, ऐसे गलियारे हैं जो जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना द्वारा अवरुद्ध किए गए थे, जिन्होंने बैसाखी के अवसर पर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे पुरुषों और महिलाओं पर गोलियां चलाईं थी । इन गलियारों के नवीकरण को लेकर सरकार से सवाल किए जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, “जो शहादत का मतलब नहीं जानते वो ही जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान कर सकते हैं।” मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा। हम इस जघन्य जुल्म के खिलाफ हैं।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी, वे उन्हें कभी नहीं समझ सकते जिन्होंने ऐसा किया “।

शनिवार को पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि इतिहास को संरक्षित करना देश का कर्तव्य है। सोशल मीडिया पर इसपे कड़ी प्रतिक्रिया आई और लोगों ने सरकार पर इतिहास को नष्ट करने का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने तो यहां तक ​​कह दिया कि राजनेता शायद ही कभी इतिहास को समझते हैं।

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