नई दिल्ली: (रुखसार अहमद) असम सरकार ने बीते सोमवार को दरांग जिले के धौलपुर गांव में अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए करीब 800 परिवारों का घर को ढहा दिया था। जिसमें 3 मजिस्द और एक मंदिर शामिल है। राज्य सरकार इन लोगों के घरों को ऐसे समय पर ढहाया है, जब अभी भी कोरोना महामारी को लेकर कई प्रतिबंध लागू हैं।
800 परिवारों के घरों को तोड़ने के बाद लोग बेघर हो गए हैं। इसे लेकर आज सरकार के खिलाफ वहां के लोगों ने प्रदर्शन किया। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है, बड़ी तादाद में लोग घायल है। जिन 2 लोगों की मौत हुई है उनका नाम सद्दाम हुसैन और शेख फरीद है। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस दोबारा उस इलाके में लोगों के घरों को तोड़ने गई थी।
मिल्लत टाइम्स पर इस घटना का वीडियो है। जिसमें आप देख सकते है की किस तरह पुलिस एक शख्स को बेरहमी से पीट रही है। इतना ही नहीं आप वीडियो में साफ देख सकते है की एक पत्रकार मरे हुए शख्स पर बूरी तरह कूद-कूदकर वार कर रहा है। लेकिन पुलिस उसे ऐसा करने से रोक भी नहीं रही, इस मरे हुए शख्स की पुलिस हमले में पहले ही मौत हो चुकी है।
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असम के धौलपुर में प्रोटेस्ट कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की जिसमें 2 की मौत हो गई है और बड़ी तादाद में लोग ज़ख्मी है। पुलिस इनके घरों को तोड़ने गई थी जिसका जनता ने विरोध किया। पुलिस फायरिंग में मरने वालों के नाम सद्दाम हुसैन और शेख फरीद हैं#Assam #MillatTimes pic.twitter.com/x9gE63hRcc
— Millat Times (@Millat_Times) September 23, 2021
दरअसल 20 सिंतबर को असम के धौलपुर गांव में सरकार ने बिना नोटिस दिए 800 परिवार के लोगों के घर को तोड़कर दिया था। जिस इलाके में घरों को तोड़ा गया है वहां ज्यादातर मुस्लमान रहते है। इसमें सरकार ने मजिस्द को भी नहीं बख्शा। असम सरकार ने तीन मस्जिदों को ढहता हुए कहा की यह सब गैरकानूनी बनी हुई थी। लेकिन जो शिव मंदिर तोड़ा गया है उसे लेकर सरकार ने कमेटी से वादा करते हुए कहा है की मंदिर तोड़कर वहीं बना दिया जाएगा। सवाल यह खड़ा होता है की मुस्लमानों के घर और मजिस्द उस जमीन के हिस्से में गैरकानूनी, लेकिन शिव मंदिर के बारे में ऐसा बयान क्यों।
असम सरकार बिना किसी नोटिस दिए आचनाक रातों- रातों लोगों के घरों पर बुलडोजर चला देती है। अगर यह घर गैरकानूनी भी है तो पहले नोटिस दिया जाता है। ताकि लोग अपने रहने का इंतजाम कर सके। जिन लोगों के घर तोड़ गए है वह अब दूसरे इलकों में जाकर बसने की कोशिश कर रहे है। कुछ लोग वहां तम्बू गाड़ कर रह रहे है। वहीं कुछ पेड़ो के नीचे रहने के लिए मजबूर है। सोशल मीडिया पर इस घटना की ऐसी कई तस्वीरें वायरल हो रही है जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगी।
https://twitter.com/HafizRafiqulMLA/status/1441008486985306118?s=20
