काली पोस्टर विवाद के बाद एक बार फिर से बढ़ी लीना और महुआ मोइत्रा की मुश्किलें

नई दिल्ली, पिछले कुछ दिनों से लगातार लीना मनिमेकलाई की आगामी डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर को लेकर विवाद चल रहा है, जिस पोस्टर में काली के एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में LGBTQ के प्राइड का झंडा है।

इस पोस्टर के शेयर करने के बाद लोगों ने पोस्टर का जम कर विरोध किया था, और लीना को गिरफ्तार करने की मांग की थी। हालांकि ट्विटर ने काली की पोस्टर वाला ट्वीट हटा दिया है, लेकिन लोग अभी भी लीना को अरेस्ट करने की मांग कर रहे हैं।

ट्वीटर द्वारा काली के ट्वीट को डिलीट करने पर लीना ने लिखा कि क्या ट्विटर 2 लाख हेट मॉन्गरर्स के भी ट्वीट हटाएगा? इन हल्के ट्रोल्स ने उसी पोस्टर को शेयर किया, जो इनको आपत्तिजनक लग रहा है। काली की लिंचिंग नहीं हो सकती है। काली का रेप नहीं हो सकता वो मौत की देवी हैं।

इसके कुछ दिनों बाद 7 जुलाई को ही लीना ने ट्वीटर पर एक और फोटो शेयर किया था, जिसमे शिव और पार्वती के रूप में दो नाटकीय कलाकार सिगरेट पीते हुए दिख रहे हैं, साथ ही लीना ने लिखा कि ‘बीजेपी से पैसे पाने वाले ट्रोल्स की आर्मी को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि फोक थिएटर के कलाकार अपनी प्रस्तुति के बाद कैसे चिल करते हैं. ये मेरी फिल्म का सीन नहीं है। ये ग्रामीण भारत का एक दृश्य है जिसे संघ परिवार के लोग बर्बाद करना चाहते हैं, अपनी नफरत और धार्मिक कट्टरता से. हिंदुत्व कभी भारत नहीं बन सकता।

इस पोस्टर को शेयर करने के बाद लोगों ने एक बार फिरसे लीना को जम कर ट्रॉल किया। पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा,
”ये ऐक्टर्स हैं जो शिव-पार्वती का किरदार निभा रहे हैं। पब्लिसिटी के अलावा इस ट्वीट का क्या मतलब है?”
इसके अलावा पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, आप लोगों को ‘ऐक्ट’ करने के लिए कह सकते हैं, लेकिन आप कहना क्या चाहती हैं? अटेशन खींचने और लोगों को नाराज़ करने के अलावा?

बंगाल के आसनसोल की विधायक अग्निमित्र पौल ने धमकी भरे लहजे में कहा कि हमारे टॉलरेंस को कमज़ोरी मत समझो. लिखा,“इसे बोहुरूपी कहा जाता है। बंगाल के गांवों की एक कला। हम उन्हें अभिनेता के रूप में देखते हैं, न कि असली भगवान के रूप में. क्या आप सिर्फ अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं? हमारे पेशेंस का इन्तेहान न लें। हमारी सहनशीलता को कमजोरी मत समझिए।

मणिमेकलाई अपनी फ़िल्म के इस पोस्टर को लेकर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। और, जब तक वो ज़िंदा हैं, वो एक निडर आवाज़ के रूप में ज़िंदा रहना चाहती हैं।  इसके साथ ही लीना ने ये भी कहा कि लोग उस डॉक्यूमेंट्री को बिना कॉन्टेक्स्ट के देख रहे हैं।

बताया कि फ़िल्म की कहानी टोरंटो शहर में सेट है। काली एक शाम सड़कों पर टहल रही हैं, और इस दौरान जो उनके साथ घट रहा है, फ़िल्म इसी बारे में है। टोरंटो बेस्ड डायरेक्टर पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अलग-अलग FIR हुई हैं।

वहीं दूसरी ओर टीएमसी संसद सदस्य महुआ मोइत्रा ने लीना का समर्थन किया था और कहा था की मेरे हिसाब से काली मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। जिसके बाद बीजेपी के सुवेन्दु अधकारी ने TMC को उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात कही थी।

वहीं ट्वीटर के जरिए All India Trinmool Congress ने लिखा कि महुआ मोइत्रा द्वारा की गई टिप्पणियों और देवी काली पर व्यक्त उनके विचार उनकी व्यक्तिगत क्षमता में किए गए हैं और पार्टी द्वारा किसी भी तरीके या रूप में समर्थित नहीं हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है।

इस ट्वीट के बाद ही महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया कि आप सभी संघियों के लिए- झूठ बोलना आपको बेहतर हिंदू नहीं बना देगा। मैंने कभी किसी फिल्म या पोस्टर का समर्थन नहीं किया या धूम्रपान शब्द का उल्लेख नहीं किया। सुझाव है कि आप तारापीठ में मेरी माँ काली के पास जाएँ, यह देखने के लिए कि भोग के रूप में क्या खाना-पीना दिया जाता है।

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