मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:चुनाव ख़त्म होते ही और ख़ासकर सोमवार से देशभर में जगह-जगह ईवीएम मशीन मिलने की ख़बर आ रही है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि ज़िला प्रशासन दबाव में आकर मतगणना में ईवीएम बदलने की साज़िश रच रहा है.
जगह-जगह ईवीएम और वीवीपैट से भरे ट्रक की जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है जिनमें दावा किया जा रहा है कि ईवीएम मशीनें बदली जा रही हैं. इस तरह की ख़बर बिहार और उत्तर प्रदेश के झांसी, चंदौली, ग़ाज़ीपुर, डुमरियागंज से आ रही थी.
इस बारे में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने ट्वीट किया है कि ईवीएम मशीन की भरे हुए ट्रक पकड़े जा रहे हैं.
वे लिखती हैं, ”देशभर के स्ट्रॉंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है. ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है. ये कहाँ से आ रही है, कहाँ जा रही हैं? कब, क्यों, कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए.”
देशभर के स्ट्रोंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है। ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है।
ये कहाँ से आ रही है,कहाँ जा रही है? कब,क्यों,कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है?चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 21, 2019
चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने सोशल मीडिया पर ईवीएम मुद्दे पर निर्वाचन अधिकारियों के बयान साझा किए हैं.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर के ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा है कि मीडिया के ज़रिए ये ख़बर फैल रही है कि गाज़ीपुर में ईवीएम की निगरानी के लिए प्रत्याशियों को रोका गया.
इस वीडियो में वे कहते हैं, ”इस सूचना के बारे में ये अवगत करवाना है कि ग़ाज़ीपुर में रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ये व्यवस्था बनाई गई है कि प्रत्येक प्रत्याशी को स्ट्रॉंग रूम पर निगरानी रखने के लिए तीन कलेक्शन प्वाइंट परआठ-आठ घंटे में एक-एक व्यक्ति को पास जारी करने के लिए निर्धारित किया गया है. लेकिन कई जगहों पर कभी तीन तो कभी पांच लोगों को पास जारी करने की मांग की गई जिसके लिए प्रशासन ने असहमति जताई है.”
1/n Pl note the followg factual reports from concerned Returning Officers in context of varied clips being circulated on media platforms on EVM strong room issues. Clarification issued by RO👇wrt mishandling of EVMs in Chandauli, UP. All extant guidelines issued by ECI followed. pic.twitter.com/wNOS3WmtvL
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) May 21, 2019
झांसी के ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने भी इस मामले में ट्विटर पर जानकारी दी है
वे कहते हैं, “झांसी में एक ही पोलिंग पार्टी की रवानगी होती है, यहीं पर स्ट्रॉंग रूम बनते हैं और यहीं कलेक्शन प्वाइंट होता है. चूंकि गरोठा और मऊ काफ़ी दूर के विधानसभा क्षेत्र हैं तो कुछ पोलिंग पार्टियों को वहां से आने में विलंब हो गया था. कुछ पीठासीन अधिकारियों को अपने पत्र भरने में विलंब हो गया था. इसलिए स्ट्रॉंग रूम सील होते होते सुबह हो जाती है. यहां भी सुबह 7-7.30 तक सारी ईवीएम मशीन हमने स्ट्रॉंग रूम में रख दी थी. उनकी सीलिंग जेनरल ऑब्ज़र्वर और जो भी कैंडिडेट आए थे उनके सामने की गई थी, उन्हें इसके लिए सूचित किया गया था. सीलिंग करते समय वीडियो बनाई गई थी और सीसीटीवी कैमरा के सामने की गई थी.”
Statement issued by RO Ghazipur, Uttar Pradesh@PIB_India @DDNewsLive @ceoup @airnewsalerts @ECISVEEP pic.twitter.com/vQI5jRsY7C
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) May 21, 2019
ज़िला निर्वाचन अधिकारी आगे बताते हैं कि स्ट्रॉंग रूम उन ईवीएम और वीवीपैट के लिए बनाए गए हैं जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ है. और इसका मक़सद ही है कि इस्तेमाल में आए हुए वीवीपैट और ईवीएम से अलग रखा जाए. ताकि कोई भी गड़बड़ी न हो. यहां जितनी भी विधानसभा सीटें थी उनके अनयूज़्ड ईवीएम का स्ट्रॉंग रूम बनाया गया है. जिन उम्मीदवारों को आपत्ति थी उनके सामने हमने ईवीएम को चेक करके भी दिखाया कि इनमें कुछ नहीं है, वीवीपैट के बॉक्स भी दिखाए कि उनमें भी कुछ नहीं है.
वे बताते हैं कि कुछ उम्मीदवारों को इसलिए ऐसा भ्रम हुआ क्योंकि स्ट्रॉंग रूम सील होने में समय लगा क्योंकि प्रपत्र नहीं भरे गए थे. रिज़र्व अनयूज़्ड ईवीएम के लिए स्ट्रॉंग रूम भी चुनाव आयोग के निर्देश पर ही बनाए गए हैं.
चुनाव आयोग का जवाब
देशभर में ये मुद्दा चर्चा का विषय बनने के बाद चुनाव आयोग ने भी अपना बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.
1. ग़ाज़ीपुर: उम्मीदवारों ने कंट्रोल रूम की निगरानी पर सवाल उठाए थे जिसे हल कर लिया गया है.
2. चंदौली: कुछ लोगों ने आरोप लगाया था लेकिन ईवीएम प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित हैं.
3. डुमरियागंज: ईवीएम प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित हैं. सभी आरोप अनावश्यक थे. डीएम और एसपी ने बातकर मामला हल कर लिया है.
4. झांसी: राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों की उपस्थिति में ईवीएम को सील किया गया है. यहां कोई समस्या नहीं है.
जारी बयान में आगे कहा गया है कि दरअसल, इन सभी मामलों में सभी ईवीएम और वीवीपैट को राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों के सामने सील किया गया था, जिसकी वीडियो भी बनाई और वहां सीसीटीवी कैमरा भी मौजूद थे.
सीपीएएफ सुरक्षागार्ड भी वहां मौजूद थे. उम्मीदवारों को उस समय और उस प्वाइंट पर प्रत्येक उम्मीदवार का एक प्रतिनिधित्व 24×7 को निगरानी रखने की अनुमति है. इसलिए ये आरोप निराधार हैं.
