नई दिल्ली: सोमवार की रात व्यवसायी मनीष कुमार गुप्ता यूपी के गोरखपुर में अपने दो दोस्तों के साथ एक होटल के कमरे में ठहरे हुए थे। रात करीब साढ़े बारह बजे पुलिस उनके दरवाजे पर दस्तक देने आई। उसके दोस्त ने मीडिया को बताया है कि मनीष ने जब पुलिस से पूछा कि उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है तो वे उन्हें धमकी देने लगे।
उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस नशे में लग रही थी और कमरे में मौजूद एक व्यक्ति को उन्होंने थप्पड़ भी मारा। अब इस मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता जाकिर अली त्यागी ने इस मामले में पुलिस के खिलाफ राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
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इस मामले में पीड़ित की पत्नी ने कहा है कि पुलिस के आने से पहले उसने मनीष से फोन पर बात की थी और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई है।
इस घटना के खिलाफ मानवाधिकार संगठन नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत एनसीएचआरओ के उत्तर प्रदेश चैप्टर के उपाध्यक्ष जाकिर अली त्यागी ने 29 सितंबर को दर्ज कराई है। NCHRO ने एनएचआरसी से मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
इस मामले में जब हमने जाकिर अली त्यागी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अपने जिले से दूसरे जिले में जाना तेज धारी तलवार पर चलने जैसा हो गया है। किसी को दूसरे जिले में जाकर अपनी जान गवांनी पड़ती है। बच्चों को यतीम पत्नी को विधवा करना पड़ता है। यादि वह बच गया तो संदिग्ध होने का आरोपी बन जेल में सड़ता है। इस मामले की हमने NHRC में शिकायत दर्ज करवा पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
