इस्लामिक शासन चलाना है तो हमसे सीखो : क़तर

नई दिल्ली: (रुखसार अहमद)  तालिबान के साथ वार्ता शुरू करने में कतर का अहम किरदार रहा है। अफगानिस्तान की कमान संभालने के बाद कतर ने तालिबान के बर्ताव से नाराजगी जाहिर की है। कतर ने लड़कियों की शिक्षा को लेकर तालिबान से नाराजगी जताई।

उन्होंने कहा लड़कियों पर तालिबान का फ़ैसला बेहद निराश करने वाला है। क़तर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि तालिबान को कतर में देखना चाहिए कि इस्लामिक शासन कैसे चलता है।

कतर के विदेश मंत्री ने गुरुवार को यूरोपियन यूनियन विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ़ बोरेल के साथ राजधानी दोहा में प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान यह बात कही। दरअसल तालिबान ने सत्ता में आने के बाद अफ़ग़ान महिला सेकेंडरी स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी थी। कतर के विदेश मंत्री ने कहा, ‘अफ़ग़ानिस्तान में हाल के फ़ैसले दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह बहुत ही निराशाजनक है और पीछे ले जाने वाला फ़ैसला है।’

पिछले महीने अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से और उसके पहले से ही क़तर पूरे मामले में बेहद ख़ास रहा है। क़तर ने तालिबान के आने के बाद से काबुल एयरपोर्ट से हज़ारों की संख्या में विदेशी नागिरकों और अफ़ग़ानों को निकाला है। क़तर तालिबान की नई सरकार के साथ भी सक्रिय है और काबुल एयरपोर्ट को फिर से शुरू करने में लगा हुआ है।

शेख मोहम्मद ने कहा, ”हमें इनके साथ लगे रहने की ज़रूरत है। हमें इनसे कहना होगा कि इस तरह के फ़ैसले ना लें। हमें ये भी बताने की ज़रूरत है ताकि तालिबान को समझ में आए कि मुस्लिम देश अपने नियमों से कैसे चल सकते हैं और वे कैसे महिलाओं के मुद्दे से निपट सकते है। उन्होंने कहा, ”तालिबान इस मामले में क़तर को ही मिसाल के तौर पर ले। हम भी मुस्लिम मुल्क हैं। हमारी व्यवस्था भी इस्लामिक है।

क़तर के सरकारी और उच्च शिक्षा में पुरुषों की तुलना में महिलाएँ ज़्यादा हैं।’ हाल के हफ़्तों में तालिबान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। यहाँ तक कि खुलेआम सड़कों पर हेरात में पिछले हफ़्ते लोगों को फांसी भी दी गई थी। तालिबान इस्लामिक क़ानून की व्याख्या अपने हिसाब से कर रहा है और सबसे कड़ी पाबंदियों को अपना रहा है। महिलाओं पर इसका असर सबसे ज़्यादा पड़ रहा है।

क़रीब दो हफ़्ते हो गए और सेकेंडरी स्कूलों में लड़कियाँ पढ़ने नहीं जा पा रही हैं। शेख मोहम्मद ने तालिबान को चेतावनी दी कि वो इन फ़ैसलों से इन्हें खो देगा। यूरोपियन यूनियन विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ़ बोरेल ने भी कहा कि हाल के हफ़्तों में तालिबान में जो कुछ भी हुआ है, वो बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि अफ़ग़ान की सरकार को रास्ते पर लाया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि क़तर अपने मज़बूत प्रभाव से तालिबान को अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top