नई दिल्ली : (रुखसार अहमद) त्रिपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने पहले वकीलों को UAPA का नोटिस भेजा था। फिर उसके बाद पत्रकारों, एक्टिविस्टों समेत 102 सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ UAPA तहत केस दर्ज किया गया। वहीं अब पुलिस ने दंगाइयों की जगह त्रिपुरा में रिपोर्टिंग करने गई 2 माहिला पत्रकारों के खिलाफ VHP की शिकायत पर 3 धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इतना ही नहीं महिला पत्रकारों ने पुलिसकर्मियों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में दंगे के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन जिन लोगों ने जनता तक त्रिपुरा की सच्चाई पहुंचाई पुलिस उन्हीं पर कार्रवाई कर रही है।
जिन महिला पत्रकार पर केस दर्ज हुआ है उनका नाम समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा है। उनका आरोप लगाया है कि पुलिस उनके होटल में आई और उन्हें “डराया-धमकाया। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें फर्जी हैं और गलतबयानी की गई है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में ऐसी किसी भी घटना में साधारण या गंभीर रूप से घायल होने अथवा बलात्कार या किसी व्यक्ति की मौत की कोई सूचना नहीं है जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है।
स्वर्णा झा ने अपने ट्वीट में लिखा, “कल रात लगभग 10:30 PM बजे हमारे होटल के बाहर पुलिस आई, लेकिन उस समय उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। सुबह 5:30 बजे के करीब जब हम चेकआउट करने गए तब पुलिस ने हमारे अगेंस्ट जो शिकायत हुई है उसके बारे में बताया और पूछताछ के लिए धर्मनगर पुलिस स्टेशन ले जाने को कहा। उन्होंने अपने पोस्ट में एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने गई थी। खबरों के मुताबिक दोनों पत्रकारों को अब तक न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है।
FIR🚨 in #Tripura@Jha_Swarnaa and I, the correspondent at @hwnewsnetwork have been booked under 3 sections of IPC at the Fatikroy police station, Tripura.
VHP filed complaint against me and @Jha_Swarnaa FIR has been filed under the section: 120(B), 153(A)/ 504.
Copy of FIR pic.twitter.com/a8XGC2Wjc5
— Samriddhi K Sakunia (@Samriddhi0809) November 14, 2021
