श्रीनगर मुठभेड़ में दो मुस्लिम सिविलियन का एनकाउंटर, परिवार वालों ने की न्याय की मांग

नई दिल्ली (रुखसार अहमद) श्रीनगर के हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही श्रीनगर के हैदरपोरा में हुई। इस पर पुलिसवालों का बयान था कि घटना में चार आंतकी मारे गए। लेकिन दो परिवार के लोगों ने पुलिस के इस बयान को गलत बताया है। उन्हें आरोप लगया है कि सुरक्षाबलों ने उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। सुरक्षाबलों ने उन्हें आंतकी बताकर मार दिया।

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्ची का कहना है कि उसके पिता का एनकाउंटर कर दिया गया। मोहम्मद अल्ताफ भट ओल्ड बरजुला इलाके के रहने वाले थे और घटना स्थल के पास एक हार्डवेयर की दुकान चलाते थे। जब उसने पुलिस वालों से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो वह बेशर्मों की तरह हंस रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं जो मेरे पिता के साथ गवह थे, उन्हें भी मार दिया गया।

लड़की ने बाताया कि पिता की हत्या के बारे में मेरे चाचा को फोन आया था, तब उसे पता चला की उसके पिता की हत्या कर दी गई है। वहीं लड़की के चचेरे भाई, जो गवह है, उसने बताया कि उन्हें तीन बार पहले ऊपर ले जाया गया, उन्हें दो मौकों पर बख्शा गया, लेकिन तीसरी बार में मार दिया गया।

अल्ताफ़ की बेटी ने कहा कि में अब कैसे अपनी मां को संभालुंगी। बता दें एनकाउंटर में मारे गए अल्ताफ की बेटी 7वीं क्लास में पढ़ती है। उसका एक छोटा भाई है। उसने कहा कि मैं अपने भाई को अब कैसे बताउगी की हमारे वालिद इस दुनिया में नहीं रहे। मुसलमानों पर बढ़ते जुल्म को यह पहला ऐसा मामला नहीं है।

वहीं मुठभेड़ में मारे गए मुदस्सर गुल के परिवार ने मंगलवार को श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि वह एक डॉक्टर था और आतंकवाद में उसकी कोई भागीदारी नहीं है। प्रदर्शनकारी रिश्तेदार ने कहा, “उसने कल शाम अपनी पत्नी से बात की। उसके दो छोटे बच्चे और बूढ़े माता-पिता हैं। उसके हाथ में बंदूक नहीं था, वह निर्दोष था। वह डॉ. मुदस्सिर था, वह आतंकवादी नहीं है, कृपया हमें शव वापस दे दें।

ऐसी घटना होना मसलमानों के साथ आम बात हो गई है। ऐसा लग रहा है देश में मुसलमान होना एक गुनह सा हो गया हो। देश के कई राज्यों से कभी लिंचिंग, तो कभी मजिस्दों और घरों को नुकसान पहुंचने की खबर सामने आती रहती है। हाल ही में भगवा गुडों ने त्रिपुरा में कई मस्जिदों में तोड़फोड़ मचाई और मुसलमानों के घरों और दुकानों को निशाना बनाया था।


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