नई दिल्ली : (रुखसार अहमद) आज बाबरी विध्वंस की बरसी है। 29 साल पहले आज ही के दिन यानी 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने बाबरी मजिस्द को गिराया था। बाबरी मस्जिद की शहादत के 29 साल बाद भी आरोपियों को सजा नहीं मिली है। सभी आरोपी खुलेआम बाहर घूम रहें हैं।
वहीं मुसलमानों आज के दिन को काले दिवस के रुप में मनाते है। लंबे समय तक अयोध्या को लेकर तनाव रहा, मगर 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से ऐतिहासिक विवाद को एक पक्ष में रखकर नया रुप दे दिया था।
वहीं सोशल मीडिया पर #Blackday करके हेश टैग टेंड्र कर रहा था। स्वारा भास्कर समेत कई बड़े लोगों ने आज के दिन को काला दिवस कहकर ट्विट किया। स्वरा ने लिखा- भगवान का घर तोड़ना पाप होता है। चाहे वो किसी के भी भगवान हों।
भगवान का घर तोड़ना पाप होता है। चाहे वो किसी के भी भगवान हों। 🙏🏽#BabriMasjid #BabriMasjidDemolition
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 6, 2021
वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विट करके लिखा- अगर हमारी सिसकियाँ बाक़ी रहेंगी तो हम कलमा भी पड़ेंगे और कहेंगे “#बाबरी_मस्जिद की शहादत को याद रखो!।
अगर हमारी सिसकियाँ बाक़ी रहेंगी तो हम कलमा भी पड़ेंगे और कहेंगे “#बाबरी_मस्जिद की शहादत को याद रखो!” #NeverForgetBabri pic.twitter.com/Xuwpie9qQo
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 6, 2021
बाबरी मजिस्द को लेकर मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर ने लिखा- बाबरी मस्जिद में ज़बरदस्ती शिलान्यास, उसकी शहादत और फिर तमाम सबूतों के बावजूद मस्जिद की ज़मीन को राम मंदिर के लिए देने का फैसला हमेशा याद रखा जाएगा और आने वाली नस्लों को यह बताया जाएगा की आलीशान राम मंदिर बाबरी मस्जिद के मलबा पर कब्ज़ा करके बनाई गई है।
बाबरी मस्जिद में ज़बरदस्ती शिलान्यास, उसकी शहादत और फिर तमाम सबूतों के बावजूद मस्जिद की ज़मीन को राम मंदिर के लिए देने का फैसला हमेशा याद रखा जाएगा और आने वाली नस्लों को यह बताया जाएगा की आलीशान राम मंदिर बाबरी मस्जिद के मलबा पर कब्ज़ा करके बनाई गई है।#BlackDay #BabriMasjid pic.twitter.com/ftx48liXyR
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) December 6, 2021
Tipu Sultan Party की ओर से ट्वीट किया गया, ”बाबरी मस्जिद पर हमला भारत के धर्मनिरपेक्षता, संविधान, बंधुत्व और न्यायपालिका पर हमला था।
https://twitter.com/TSP4India/status/1467703619424120841
बता दें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 49 लोग आरोपी बन गए थे जिनमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, कमलेश त्रिपाठी जैसे भाजपा और विहिप के नेताओं के नाम भी थे। ये मामला कम से कम 27 सालों तक कोर्ट में चला।
इसके बाद 2020 में सितंबर महीने में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। फैसले के वक्त 49 में से कम 32 आरोपी ही बचे थे जबकि 17 आरोपियों का निधन हो गया था।
