रेल भर्ती में अनियमितताओं पर बवाल- गया में अभ्यर्थियों ने रोकी ट्रन, तोड़फोड़-आगजनी की

नई दिल्ली, रेलवे की परीक्षा में धांधली के आरोप को लेकर बिहार के गया में छात्रों ने प्रदर्शन किया। बुधवार को हजारों की संख्या में गया जंक्शन पर पहुंचे छात्रों ने जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि उपद्रवी छात्रों ने पुलिस पर पत्थर बरसाने के बाद कई जगहों पर तोड़फोड़ की साथ ही एक ट्रेन की बोगी में आग लगाने की खबर है।

वहीं दो दिन चल रहे इस प्रर्दशन में पुलिवालों ने छात्रों पर डंडे बरसाए। इतनी ही नहीं बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस छात्रों को गोली से डराती हुई नजर आई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

उधर, जिला पुलिस और रेलवे पुलिस ने कमान संभाल ली है। दरअसल उग्र हो चुके छात्र लगातार रेलवे की परीक्षा में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस द्वारा उपद्रवियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं साथ ही पुलिस ने छात्रों पर हमला भी किया। फिलहाल स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है। गौ

रतलब है कि इससे पहले मंगलवार को भी आरा, नवादा, मोतिहारी, सीतामढ़ी सहित कई शहरों में छात्रों का उग्र प्रदर्शन हुआ था। भारतीय रेल के RRB NTPC Result में अनियमितता का आरोप लगाकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों की नाराजगी देखते हुए रेल मंत्रालय द्वारा आगे की एनटीपीसी और लेवल 1 परीक्षा पर फिलहाल रोकलगाने के साथ ही छात्रों के लिए अच्‍छी पहल की गई है।

रेल मंत्रालय ने छात्रों से उनकी समस्‍याओं को जानने के साथ उनके सुझाव भी मांगे हैं। इसके लिए बकायदा छात्रों के लिए एक ईमेल आईडी जारी की गई है, जिसके जरिये वह अपनी बात रेलवे की हाईपावर कमेटी के समक्ष रख पाएंगे। वहीं गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पटना के ‘भिखना पहाड़ी’ इलाक़े में काफ़ी गहमागहमी रही। रेलवे की परीक्षा देने वाले छात्रों और पुलिस के बीच लगातार दूसरे दिन भी झड़पें हुईं।

पुलिस ने जहां छात्रों पर बेरहमी से डंडे बरसाए, वहीं छात्रों ने भी पलटवार करते हुए पत्थर और रोड़े फेंके। कई पुलिसकर्मी भी छात्रों की ओर से किए गए इस जवाबी हमले में घायल हुए हैं। पुलिस ने क़रीब आधा दर्जन प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ़्तार भी किया है। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज समेत कई जगहों से छात्रों की ओर से रेल रोकने की कोशिश और पुलिस कार्रवाई की तस्वीरें और वीडियो सामने आने लगे हैं।

दरअसल छात्र का प्रर्दशन इसलिए कर रहे रेलवे ने साल 2019 में ऐन चुनाव (लोकसभा चुनाव) के वक़्त एनटीपीसी के माध्यम से 35,308 पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हज़ार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया।

फ़रवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा। अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई। जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी। लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई। वहीं साल 2021 में परीक्षा हुई और साल 2022 में CBT-1 (NTPC) का रिज़ल्ट जारी किया गया।

उस वक़्त नोटिफ़िकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड CBT-1 (NTPC) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा, लेकिन इन्होंने एक छात्र को पाँच जगह गिना। इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिज़ल्ट दिया। वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिज़ल्ट दिया है। एनटीपीसी ने जो रिज़ल्ट जारी किया है, उसमें पांच लेवल जनरेट किया गया है। उनके अनुसार किसी का पांचों लेवल में रिज़ल्ट है तो किसी का चार में और किसी का तीन में और किसी का अच्छा ख़ासा नंबर होने के बावजूद एक में भी रिज़ल्ट नहीं है।

छात्रों की मांग है कि रेलवे ‘वन स्टूडेंट-वन रिज़ल्ट’ जारी करे। छात्रों का कहना है कि पिछले बार की परीक्षा भी एकल परीक्षा हुई थी, लेकिन उस समय सीटों का बँटवारा मेन्स में हुआ था जबकि इस बार सीट का बंटवारा प्री में ही करके अच्छे प्रतिभागियों को बाहर कर दिया गया है।

छात्रों का आरोप है कि रेलवे के ऐसा करने के कारण परीक्षा देने वाले छात्र गुड्स गार्ड और स्टेशन मास्टर जैसे पदों के लिए क्वॉलीफ़ाई नहीं कर सकते हैं।

 

 

 

 

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