इन 15 कारणों से हुई यूपी में समाजवादी की हार

नई दिल्ली, यूपी चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके है। लेकिन इस नतीजे में सपा भजपा को नहीं हरा सकी। बीजेपी एक बार फिर अपनी सरकार बनाने जा रही है। कड़ी मेहनत के बावजूद भी सपा को हार का सामना करना पड़ा।

बसपा के खाते में भी 2 ही सीट आई, लेकिन AIMIM एक भी सीट नहीं जीती। सपा ने शुरू से ही महंगाई, बेरोजोगार, जैसे मुद्दे उठाती रही है, किसान अंदोलन के बाद लगा था कि वह चुनाव जीत सकती है। क्योंकि जाट, मुसलमान, यादव सपा को समर्थन करते नजर आ रहे थे। लेकिन ऐसी क्या वजह रही जिसके कारण सपा को हार का सामना करना पड़ा। आइए हम आपको बताते है वह 15 कारण जिनकी वजह से सपा नहीं बना सकी सरकार।

  1. समाजवादी पार्टी की हार की सबसे बढ़ी वजह यह रही है उनके पास अखिलेश के आलवा कोई बड़ा चेहरा नहीं था, जिससे चुनाव में रैलिया करके जनता तक अपनी बात पहुंच सके, अगरजयंत चौधरी के साथ गठबंधन तो वह अपनी रैलियों में बिजी थे। अखिलेश अकेले ही रैलिया कर रहे थे। जिसके कारण यह उनकी हार का सबसे बड़ी वजह है। वहीं बीजेपी के पास पीएम मोदी खुद सबसे बड़ा चेहरे थे। योगी खुद बीजेपी के लिए अहम चेहरा है। केशव प्रसाद मौर्य, ऐसे कई बड़े लीडर चुनाव में लगे थे।
  2. दूसरी सबसे बड़ी वजह यह रही कि अखिलेश यादव समाज से आते है, जो केवल 7.8 प्रतिशत यूपी है, 18 % मुसलमानों की आबादी है, जाट, दलित, जैसी कई जतियां है। जिसके वोट उन्हें जीता सकता थे। वहीं उनके साथ किसी भी जाती का ऐसा कोई बड़ा लीडर नहीं था, जिससे उन्हें वोट मिल सके।  इसलिए वह चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाए।
  3. तीसरी वजह यह रही कि बीजेपी सपा को मुसलमानों को पार्टी बनाने में कामयाब रही। क्योंकि योगी ने पहले ही कह दिया की लड़ाई 80 बनाम 20% है। वैसे ही इस बार समाजवादी पार्टी मुसलामनों से बचती नजर आ रही थी, क्योंकि योगी का कहना था कि अगर सपा आती है तो वह मुगलो की सरकार बन जाएगी। वह योगी सरकार के जाल में फंस गए। वह आवाम को समझाने में नकाम रहे। इसलिए उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
  4. चौथी सबसे बड़ी वजह सपा के हार की यह रही की किसान आंदोलन और जाट के वोटो लेकर यह कहा जा रहा था कि जाट का वोट सपा के साथ है, क्योंकि उन्होंने RLD के साथ गंठबंधन किया। 50 % वोट सिर्फ सपा को मिला है, वहीं 50 वोट बीजेपी को मिला है। किसानों ने भी बीजेपी को वोट दिया।
  5. सपा को मुसलमानों ने वोट किया, लेकिन यादव ने भी सपा को पूरी तरीके से वोट नहीं दिए। यूपी और बिहार में M, Y समीकारण माना जाता है, यही कारण है कि सपा हारी है।
  6. छठी वजह समाजवादी पार्टी के हारने के यह रही कई नेता बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो रहे थे, जिन्हें देखकर यह लग रहा था कि यह अपनी जाती का वोट सपा के खाते में लेकर आ सकते है, लेकिन वह नाकाम सबित रहे। बीजेपी के कई बड़े लीडर सपा में शामिल जरूर हुए, लेकिन वह अपनी सीट तक नहीं बचा सके।
  7. खबरों में लगातार यह झूठ फैलाया गया कि ब्राह्मण और राजपूत बीजेपी से नाराज है,जिसका नुकसान सपा को हुआ। लेकिन ब्राह्मण और राजपूत ने ही बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट दिया।
  8. समाजवादी पार्टी बोरोजगारी, मंहगाई, क्राइम जैसे मुद्दो को उठाने में नाकाम रही, क्योंकि सपा भी बीजेपी के नक्शे कदम पर चल रही थी, जिसके कारण उसे हार का सामना करना पड़ा।
  9. चुनाव आयोग ने तारीखों के ऐलान के बाद रैलियों पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके कारण सपा को इसका नुकसान सबसे ज्यादा हुआ। क्योंकि बीजेपी के पास सोशल मीडिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है, कई टीवी चैनल भी बीजेपी का प्रचार करते रहते है।
  10. सपा की सबसे बड़ी हार का एक कारण यह भी है कि मुसलमान अखिलेश को सीएम देखना चाहते थे, खबरों इसे लेकर काफी चर्चा होती रही । जिसके कारण हिंदू वोट एक बार फिर बीजेपी के खाते में चला गया।
  11. वहीं कुछ यूट्यूब चैनल लगतार यह दिखाते रहे की बीजेपी के खिलाफ कितने लोग है, जिसके कारण लोग सच्चाई से दूर रहे।
  12. सपा को हराने में बीएपी का सबसे बड़ा हाथ था। क्योंकि बीएपी ने आपना सारा वोट बीजेपी को ट्रांसफर कर दिया। दलितों का सारा वोट इस बार बीजेपी के खाते में गए है।
  13. खबरों में समाजवादी पार्टी को यह कहकर भी बदनाम किया गया कि जब इनकी सरकार थी तो गुंडागर्दी सरेआम होती थी। जो लोग सपा को वोट देने चाह रहे थे, इस कारण वह भटक गए।
  14. समाजवादी पार्टी जनता को चुनाव जीतने के बाद क्या-क्या सुविधा देगी, इसे समझने में वह नाकाम रही। इसी वजह से उसे हार का सामना करना पड़ा।
  15. समाजवादी पार्टी ने दलितों को मुकलम तौर पर नजरआदज किया। दलित लीडर को भी चुनाव में जगह नहीं दी। जिसके काराण सपा हारी।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top