‘एडिटर्स गिल्ड’ ने त्रिपुरा हिंसा मामले में पत्रकारों पर यूएपीए लगाने की कड़ी निंदा की

नई दिल्लीः त्रिपुरा में पुलिस द्वारा पत्रकारों सहित 102 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने निंदा की है। ईजीआई ने लिखा की त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के बारे में लिखने पर और रिपोर्टिंग करने पर उनके खिलाफ ऐक्शन लिए जाने से गहरा धक्का लगा है।

ईजीआई द्वारा ट्विटर पर जारी पत्र में कहा गया है कि एक पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने आरोप लगाया है कि ‘त्रिपुरा इज़ बर्निंग’ ट्वीट करने पर उनके खिलाफ यूएपीए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यह बात बहुत ही परेशान करने वाली बात है कि इस तरह के कड़े कानून का प्रयोग सिर्फ सांप्रदायिक हिंसा के बारे में रिपोर्ट करने और विरोध करने पर लगाया जा रहा है।

बता दें कि त्रिपुरा पुलिस ने कथित तौर पर राज्य में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर पोस्ट डालने पर शुक्रवार को 102 सोशल मीडिया यूज़र्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। इसमें 68 ट्विटर अकाउंट्स, 32 फेसबुक अकाउंट्स और दो यूट्यूब अकाउंट्स शामिल थे।

एफआईआर पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में किया गया है और खास बात यह है कि शिकायतकर्ता उसी पुलिस स्टेशन में तैनात एक उप निरीक्षक तपन चंद्र दास हैं। एफआईआर यूएपीए की धारा-13, आईपीसी की धारा- 153ए, 153-बी, 469, 471,503, 504 और 120-बी के तहत दर्ज की गई। इस मामले में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों जैसे श्याम मीरा सिंह, आरिफ शाह और सीजे वर्लेमन इत्यादि के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।

 

 

 

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