नई दिल्ली, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान ने महाराष्ट्र में एक नया विवाद खड़ा कर दिया हैं। उनके इस बयान की काफी आलोचना की जा रही है। शिवसेना, एनसीपी और एमएनएस ने कोश्यारी के बयान का कड़ा विरोध किया है और राज्यपाल से माफ़ी की मांग की है।
दरअसल मुंबई में समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा, “कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में, विशेषकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों को निकाल दो और राजस्थानियों को निकाल दो तो तुम्हारे यहां कोई पैसा नहीं बचेगा। ये राजधानी जो कहलाती है आर्थिक राजधानी, ये आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।
राज्यपाल कोश्यारी शुक्रवार को मुंबई में अंधेरी वेस्ट दाउद बाग जंक्शन पर चौक के नामकरण समारोह में शामिल हुए थे। इस चौक का नाम दिवंगत चंपालालजी कोठारी के नाम पर रखा गया है। उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “जैसे ही महाराष्ट्र में बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने हैं तब से मराठी लोगों का अपमान शुरू हो गया है।
ये मेहनती मराठी लोगों का अपमान है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी ने भले ही महाराष्ट्र की संस्कृति देखी हो लेकिन उन्हें कोल्हापुरी जोड़ा भी दिखाना होगा।
राज्यपालांना आता कोल्हापूरचा जोडा दाखवण्याची वेळ आली आहे.
– शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धवसाहेब ठाकरे pic.twitter.com/oBG0T8OEqj
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) July 30, 2022
ठाकरे ने कहा, “मैं राज्यपाल के पद का अनादर नहीं करना चाहता। वे राष्ट्रपति के राजदूत हैं, ये सम्मान का पद है। हालांकि, उस कुर्सी का सम्मान उन्हें बनाए रखना चाहिए। उन्होंने वो सम्मान बनाए नहीं रखा। पिछले तीन सालों से उनके बयानों को देखने के बाद सवाल उठता है कि ऐसे लोग महाराष्ट्र के हिस्से क्यों आते हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वो राज्यपाल के बयान से सहमत नहीं हैं। मराठी लोगों को योगदान को नकारा नहीं जा सकता। मुंबई देश की आथिक राजधानी सिर्फ़ मराठियों की मेहनत की वजह से बनी है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्यपाल के बयान से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के निर्माण में मराठियों का योगदान सभी वर्गों में सबसे ज़्यादा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि इनका नाम ‘कोश्यारी’ है। लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ‘होशियारी’ नहीं होती। ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठा पूर्वक पालन करते हैं।
वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हम महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा करते हैं। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाना चाहिए।
एनसीपी विधायक अमोल मितकारी ने ट्वीट कर राज्यपाल की आलोचना की। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र और मुंबई का आदमी सक्षम है। हम ईमानदार लोग हैं जो चटनी और रोटी खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। आपने मराठी आदमी का अपमान किया है। महाराष्ट्र से जल्द से जल्द माफी मांगो।
महाराष्ट्र आणि मुंबईतील माणूस कर्तबगार आणि सक्षम आहे. मराठी माणसाच्या जीवावर अनेक राज्य पोसल्या जातात. आम्ही चटणी भाकर खाऊन पोट भरून इतरांना पोसणारी इमानदार माणसे आहोत. आपण मराठी माणसाचा अपमान केलाय महाराष्ट्राची लवकरात लवकर माफी मागा.@BSKoshyari pic.twitter.com/osCB25qC5a
— आ. अमोल गोदावरी रामकृष्ण मिटकरी (@amolmitkari22) July 29, 2022
शिवसेना नेता और अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने कहा, “यह टिप्पणी महामहिम राज्यपाल के पद और गरिमा के योग्य नहीं है। ‘फूट डालो और राज करो’ की ब्रिटिश नीती का इस्तेमाल हमारे अपने लोग के ख़िलाफ़ करते हैं।
तीव्र निषेध आणि धिक्कार !!
महामहिम राज्यपाल या पदाला आणि त्या गरिमेला अशोभनीय अशी ही टिप्पणी आहे.
“Divide and Rule” was British way..it’s deplorable when used on our own people by our own people 🙏🏻#WakeUpIndia https://t.co/icuFKDq6IF— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) July 30, 2022
कोशयारी के बयान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी आलोचना की है। मनसे प्रमुख ने ट्वीटर पर राज्यपाल के नाम बयान जारी करते हुए लिखा है, ”मराठियों को बेवकूफ़ ना बनाएं।”
"मराठी माणसाला डिवचू नका!" pic.twitter.com/0to6ByNyPk
— Raj Thackeray (@RajThackeray) July 30, 2022
बता दें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को मुंबई के अंधेरी में यह टिप्पणी की, जहां एक चौक का नाम दिवंगत शांतिदेवी चम्पालालजी कोठारी के नाम पर रखा गया। इसी कार्यक्रम में वह शामिल होने आए थे। कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने मारवाड़ी गुजराती समुदाय की तारीफ की और उन्होंने कहा कि इस समुदाय के लोग जहां भी जाते हैं, अस्पताल, स्कूल बनाकर जगह के विकास में अपना योगदान करते हैं।
