नई दिल्ली, बिहार के सीवान जिले में महावीर अखाड़े ने 10 सितंबर को एक जुलूस निकला। जिसमें उन्होंने मुसलमानों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया था। भगवा पहने लोगों ने मस्जिदों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 8 साल के बच्चे को भी आरोपी बनाया।
8 सितंबर को, रिज़वान को तब हिरासत में लिया गया जब पुलिस ने दावा किया कि उसने महावीर अखाड़ा रैली के दौरान पत्थर फेंके थे। इतना ही नहीं उसके 70 साल के दादा को दंगे का आरोपी बताकर 4 दिन के लिए हिरासत में लिया और जेल भेज दिया गया था। चार दिनों के बाद बुधवार को रिजावन को जमानत दे दी गई है। @meerfaisal01 ने अपने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि पुलिस ने जिस दिन रिजवान को हिरासत में लिया था उसे पीटा भी गया था। उसने अपने चोट के निशान शेयर किए है।
https://twitter.com/meerfaisal01/status/1570054378559803392
रिज़वान बाल सुधार गृह से रिहा होने के बाद अपनी मां के आंचल से लिपटकर रोया। जिसकी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एक मासूम बच्चे को बिना गलती के 4 दिन तक जेल में रहना पड़ा। इससे पहले रिजवान की मां का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह रिजवान के साथ हुए जुल्म के बारे में बता रही थी और कहा मेरे बेटा डरा हुआ है। वह नमाज पढ़ने अपने दादा के साथ गया था, तभी पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले गई थी।
रिज़वान की माँ…#ReleaseRizwan @meerfaisal01 pic.twitter.com/2T8Hwvolsc
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) September 12, 2022
बता दें, 10 सिंतबर के दिन महावीर अखाड़े ने मार्च को मस्जिद के पास से गुजरा था, और सभी भगवा पहने हुए और हत्यारों से लैस थे। वहीं इसके बाद बरहरिया के पुरानी बाजार पड़ोस में पथराव हुआ। कई लोगों के पर पत्थर बरसाए गए। इस घटना में मुसलमानों के घरों को टरगेट किया गया। मस्जिदों पर हमला भी हुआ। लेकिन हैरानी है की आरोपी में एक 70 साल के मुस्लिम बुजुर्ग और 8 साल के मासूम को शामिल किया गया।
दऱअसल रिजावन को हिरासत में लेने के बाद बिहार पुलिस और नीतीश सरकार पर सवाल उठे थे। लोगों का कहना है कि सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन मुसलमानों के साथ जुल्म नहीं कम हो रहे है।
